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What is real estate – रियल एस्टेट क्या होता है

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल मे हम आपको रियल एस्टेट के बारे मे बताएंगे की यह रियल एस्टेट होता क्या है | और इसके क्या कार्य होते है , इसको खरीदने से आपको या हमको क्या फायदा होगा ऐसे काफी सारे सवालों के जवाब आपको आज के इस आर्टिकल के द्वारा बताया जाएगा | तो आइए अब सुरू करते है और जान लेते है इस रियल एस्टेट के बारे मे |

तो दोस्तों सबसे पहले हम बात करे की रियल एस्टेट क्या होता है तो हम सब जानते ही होंगे की रियल एस्टेट को हम सब लोग दो तरीकों से जानते है | एक रियल एस्टेट बिजनस के तौर पर और एक रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट के तौर पर | क्यूंकी दोस्तों रियल एस्टेट को असली संपत्ति के रूप मे ही जाना जाता है | क्यूंकी रियल एस्टेट ही एक ऐसा जगह है जो जमीन से जुड़ा हुआ रहता है और हम सब जानते ही है की जमीन हम लोगों के लिए एक असली संपत्ति है | वास्तव मे जमीन के अलावा जो भी दूसरी संपत्ति है वह सभी जमीन कि उत्पत्ति से ही संभव होती है | जैसे हम बात करे किसी मकान की , किसी दुकान की , बिल्डिंग की घर की , फैक्ट्री की या किसी भी तरह की जो भी जमीन जायदात की संपत्ति से हो वह सभी रियल एस्टेट होते है |

Real estate क्या है

तो दोस्तों रियल एस्टेट का तात्पर्य उस संपत्ति से होता है जिसमे भूमि और उस पर बने इमारते है , साथ ही इसके प्राकृितक संसाधन जैसे की फसले , खनिज या पानी इत्यादि होते है | रियल एस्टेट को हम लोग तीन श्रेणीयों मे वर्गीकृत कर सकते है |

  • घर ( Home )
  • व्यापार ( Business )
  • उद्योग संबंधी ( Industry related )
  1. घर ( Home ) – घर की अचल संपत्ति मे ऐसी सम्पत्तिया समिल होती है जिनका उपयोग हम जीवित उद्देश्यों के लिए किया करते है | जैसे – एक परिवार को रहने के लिए घर या अपार्टमेंट , टाउननहाउस और इत्यादि ऐसे सम्पत्तिया है जो आमतौर पर उन व्यक्तियों या परिवारों के स्वामित्व मे होती है जो उनमे रहते है या उन्हे दूसरों को किराये पर देते है |
  2. व्यापार ( Business ) – व्यापार की अचल संपत्ति मे ऐसी संपत्तीया शामिल होती है जिनका उपयोग हम व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए किया करते है | जैसे की कार्यालय बनवाना हुआ , भवन निर्माण करना हुआ , खुदरा स्थान , होटल या गोदाम को बनवाना हुआ | यह सभी सम्पत्तिया आम तौर पर व्यवसायों या निवेसको के स्वामित्व मे होता है जो की उन्हे अन्य व्यवसायों के लिए देते है |
  3. उद्योग संबंधित ( Industry related ) – उद्योग संबंधित संपत्ति मे ऐसी सम्पत्तिया शामिल होती है | जिनका उपयोग हम किसी निर्माण या उत्पादन के उद्देश्यों के लिए किया जाता है , जैसे की कारखाने , खदाने या फिर बिजली सयंत्र के लिए जगह हो सकते है यह सभी सम्पत्तिया आमतौर पर बड़े निगमों या निवेसको के स्वामित्व मे होती है जो की उन्हे अन्य व्यवसायों के लिए उनको देते है |
Real estate
real estate

Real estate business कैसे सुरू करे

तो दोस्तों रियल एस्टेट बिजनस को सुरू करने के लिए सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए की आप किस एरिया मे रियल एस्टेट का बिजनस सुरू करना चाहते है | अगर आपको एरिया पता है तो फिर उसके बाद आपको पता करना होगा की आप रियल एस्टेट के बिजनस किस category मे करना चाहते है | क्यूंकी रियल एस्टेट खुद मे ही इतना बड़ा different network को capture करता है जहा पर हर एक चीज मे expertise करना एक व्यक्ति के लिए बहुत मुस्किल है | इसलिए आपको रियल एस्टेट बिजनस करने के लिए अपने category के अनुसार जाना चाहिए | जैसे की

  • Residential property
  • Commercial property
  • Industrial property
  • Agricultural property

तो ऐसे काफी सारे category है जिनमे expert बहुत अच्छे तरीके से काम कर रहे है जैसे की किसी का category agriculture का है तो वह उसी category मे काम कर रहा है |और आगे बड़ रहा है तो यह है category को बनाने का तरीका अब category decide करने के बाद आपको decide करना होगा की आप उसमे क्या काम करना चाहते है | की आप अपने जमीन को किराये पर देना चाहते है , क्यूंकी ranting का काम बहुत ज्यादा तेजी से चलने वाला है जोकी बहुत सारे लोग सिर्फ किराये पर चढ़ा कर ही काम करते है | एक होता है lease जो कि लंबे समय तक के लिए दे दिया जाता है अपने जमीन को और दूसरा होता है | की बहुत सारे रियल एस्टेट एजेंस एक तरह के इन्वेस्टर भी होते है जो एक तरह से किसी प्रॉपर्टी को खरीदते है | और फिर उसको अपनी कीमत पर बेचते है |

और एक होते है प्रॉपर्टी डीलर यह लोग commission agent के रूप मे काम करते है जो लोगों को एक दूसरे से मिलाते है | जैसे की एक buyer है और एक seller है दोनों की एक दुशरे से mitting कराना और उसके बाद उन दोनों के बीच मे जो वही म्यूचूअल रेट फाइनल होता है | और उसपर उन दोनों की डील क्लोज़ होती है तो उन दोनों की तरफ से जो 1% या 2% की commission बनता है वह चार्ज करते है इसे ही हम एक प्रकार से प्रॉपर्टी डीलर का काम कहते है |

Real estate के प्रकार

Residential real estate
Residential real estate

(1) – Residential real estate ( आवासीय रियल एस्टेट )

आवासीय रियल एस्टेट मे आवासीय उदेशयों के लिए उपयोग किए जाने वाले अपार्टमेंट हो गया , घर हो गया , विला हो गया और टाउनहाउस जैसी सम्पत्तिया शामिल होती है |

Commercial real estate
Commercial real estate

(2) – Commercial real estate ( कमर्शियल रियल एस्टेट )

कमर्शियल रियल एस्टेट मे आने वाले संपत्ति जैसे ऑफिस , बिल्डिंग , रीटेल स्पेस , होटल और वेयरहाउस जैसी सम्पत्तिया शामिल है जिनका उपयोग हम सब अपने व्यवसायिक उदेशयों के लिए करते है |

Industrial real estate
Industrial real estate

(3) – Industrial real estate ( औद्योगिक रियल एस्टेट )

इसमे कारखाने , विनिर्माण सयंत्र और औद्योगिकी पार्क जैसी सम्पत्तिया शामिल होती है जिनका उपयोग हम सभी लोग औद्योगिकी उद्देश्यों के लिए किया जाता है इसी को हम industrial real estate कहते है |

Agriculture real estate
Agriculture real estate

(4) – Agricultural real estate ( कृषि अचल सम्पत्ति )

इसमे खेत से जुड़ी हुई जमीने जैसे खेत और बाग जैसी सम्पत्तिया शामिल होती है जिनका उपयोग हम कृषि एवम् विशिष्ट उद्देश्य के लिए किया जाता है |

 Special purpose real estate
Special purpose real estate

(5) – Special purpose real estate ( विशेष प्रयोजन के लिए रियल एस्टेट )

इन सभी रियल एस्टेट बिजनस मे अस्पताल , स्कूल , चर्च , और सरकारी भवन जैसी सम्पत्तिया शामिल होती है जिनका उपयोग हम लोग विशिष्ट उदेशयों के लिए किया जाता है |

Mixed used real estate
Mixed used real estate

(6) – Mixed used real estate ( मिश्रित उपयोग रियल एस्टेट )

इन सभी बिजनस मे ऐसी सम्पत्तिया शामिल होती है जिनमे आवासीय प्रकार के सम्पत्तिया एवम् वाणिज्य और औद्योगिक उपयोगों का संयोजन होता है इन्ही सभी को हम सब मिश्रित प्रकार के रियल एस्टेट मे लेते है |

Vacation real estate
Vacation real estate

(7) – Vacation real estate ( वेकेशन रियल एस्टेट )

इन सभी रियल एस्टेट मे परिवार के vacation के लिए होम तथा टाइमशेयर और रिसॉर्टस जैसी सम्पत्तिया शामिल होती है जिनका उपयोग हम लोग वेकेसन या मनोरंजन के उदेशयों के लिए किया जाता है |

Luxury real estate
Luxury real estate

(8) – Luxury real estate ( लग्शरी रियल एस्टेट )

इन सभी मे हवेली पेंटहाउस और निजी द्वीप जैसी काफी सारी रियल एस्टेट आती है जो की यह उच्च – स्तरीय सम्पत्तियाे मे शामिल होती है जो की प्रीमियम कीमतों पर बेची जाती है |

तो यह रही इनके कुछ मुख्य प्रकार आइए अब चलते है इसके अंत मे और समाप्त करते है इसके बारे मे तो दोस्तों रियल एस्टेट विकास मे एक नई संपतियों का निर्माण करता है जिनमे मौजूदा लोगों का नवीनीकरण शामिल होता है | जिससे लोगों को खरीदारों या किरायेदारों की जरूरतों को पूरा करने वाली संपतिया के डिजाइन और निर्माण के लिए आर्किटेक , ठेकेदारों और अन्य पेसेवरों के साथ काम करते है | रियल एस्टेट एक व्यापक और जटिल उद्योग है , जिसमे गतिविधियों की एक विस्तृत श्रीखला शामिल होती है जो की यह अर्थव्यवस्था का एक अनिवार्य हिस्सा है और पेसेवरो को समुदायों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के अवसर को प्रदान करता है |

तो मैं उम्मीद करता हु की मेरे द्वारा बताए गए सभी सवालों के जवाब आपको समझ मे आ गए होंगे | रियल एस्टेट के बारे मे आपको basic knowledge हो गया होगा |अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो या फिर उसमे कुछ कमी लगी हो तो आप अपना feedback कमेन्ट के माद्यम से जरूर दे | ! धन्यवाद !


अगर आपको ऐसे बिजनस जो कभी बंद नही होंगे इसके बारे मे जानना है तो आप मेरे इस आर्टिकल को पढ़ सकते है मैंने इसमे ऐसे बिजनस ideas को शेयर किया है आपसे जो की कभी बंद नही होंगे जिससे आपको काफी जानकारी मिल सकती है | Click Here

https://hi.wikipedia.org/wiki/ What is real estate

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what is bond

What is bond – बॉन्ड क्या होता है |

तो दोस्तों हम सब लोग इस बात को agree करते है की स्टॉक मार्केट मे हम सब लंबे समय के लिए अपने पैसो को इन्वेस्ट करते है तो हमे उस पैसो का अच्छा रिटर्न मिलता है | पर उसी के साथ आता है रिस्क जोकी बहुत लोग लेना पसंद नही करते है | इसी के साथ काफी लोग ऐसे भी होते है जो की अपनी सारी इनवेस्टमेंट को एक ही जगह मे नही डालना चाहते है | वह उसी इनवेस्टमेंट को diversify करना चाहते है | जो की मेरे नजर मे बहुत अच्छा और सही रहता है काफी जगहों पर इनवेस्टमेंट करके अपने पैसे को एक जगह इनवेस्टमेंट न करके ऐसा ही करना चाहिए | आपलोगों को अपने पैसों के इनवेस्टमेंट को काफी जगहों पर करना चाहिए | जैसे एक जगह हो गया हमारा म्यूचूअल फंड जो की होता है equity से लिंक इसमे भी investment और रिस्क उतना ही ज्यादा होता है | और बाकी लोग FD मे इनवेस्टमेंट करते है लेकिन हम लोग तो यह जानते भी है की इनमे interest काफी कम मिलता है | तो अब हमारे पास बचता है बॉन्ड का option इसमे FD के comparison ज्यादा रिटर्न भी मिलता है और स्टॉक मार्केट की तरह इनमे रिस्क भी high नही होता | लेकिन आपलोगों को यह बता दे की इंडिया मे बॉन्ड को लेकर लोगों को इसकी जानकारी बहुत कम है की बॉन्ड भी एक ऐसा जगह है जहा पर हम अपने पैसो को invest कर सकते है

तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल मे हम बात करेंगे बॉन्ड के बारे मे , की बॉन्ड क्या है , यह कैसे काम करता है , इसको बड़ी – बड़ी कंपनियां क्यू लागू करती है , इसका क्या उद्देश्य है , तो ऐसे काफी सारे सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल मे मिलने वाले है तो चलिए सुरू करते है और जानते है बॉन्ड के बारे मे |

Bond क्या है

बॉन्ड एक आर्थिक संस्था द्वारा जारी किया जाने वाला एक आर्थिक दस्तावेज होता है जिसमे आपको एक निश्चित समय के लिए अपने पैसे को कर्ज देने का मौका मिलता है | बॉन्ड एक सुरक्षित निवेस होता है जो नियमित ब्याज के साथ एक प्रतिसत राजस्व प्रदान करता है | भारत मे निवेस करने के कई जगह है और बॉन्ड उसमे से एक है बॉन्ड को एक ( Debt instrument ) या कहे ऋड साधन कहा जाता है जिसमे जारीकर्ता कंपनी अपनी ऋड़दाता ( बॉन्ड धारक ) से पैसे उधार लेती है | और बदले मे उसके मूल राशि पर ब्याज का भुगतान करने के लिए बाध्य होती है ब्याज को कूपन कहा जाता है बॉन्ड खरीदने के बाद आपको कैसे रिटर्न मिलेगा | बॉन्ड खरीदने के साथ ही आपको एक औपचारिक अनुबंध मे प्रवेस करता है जहा जारीकर्ता सालाना या महीने के आधार पर आपको निश्चित दर पर ब्याज के साथ उधार पैसे चुकाने का निर्णय लेता है |

बॉन्ड के मुख्य तीन प्रकार होते है

  1. कंपनी बॉन्ड
  2. सरकारी बॉन्ड
  3. मुनिसिपल बॉन्ड
  • कंपनी बॉन्ड – कंपनी बॉन्ड कम्पनियों के द्वारा जारी कीये जाते है यह बॉन्ड अधिकतर उद्योगों द्वारा जारी कीये जाते है जो की पूंजी उठाने के लिए इस्तेमाल कीये जाते है |

  • सरकारी बॉन्ड सरकारी बॉन्ड केंद्र सरकार के द्वारा जारी कीये जाते है यह बॉन्ड सबसे सुरक्षित होते है क्यूंकी सरकारी संस्थाए संचय के लिए उन्हे जारी करती है |

  • मुनिसिपल बॉन्ड मुनिसिपल बॉन्ड नगरपालिकाओ के द्वारा जारी कीये जाते है इनका मुख्य उद्देश्य सामाजिक सुविधाओ , जैसे की सड़कों , पुलों , हॉस्पिटलों , स्कूलो इत्यादि जगहों के लिए पूंजी को उठाना होता है |

स्टॉक और बॉन्ड के बीच क्या अंतर है

निवेसक अक्सर अपने पैसे को निवेस करने के लिए वह अपने पोर्टफोलियो मे अपना पैसा स्टॉक और बॉन्ड दोनों मे लगाते है इस प्रकार से व्यक्तियों का निवेस किया हुआ पैसा आदर्श निवेस होता है | स्टॉक और बॉन्ड दो विभिन्न प्रकार के निवेस है ” स्टॉक एक कंपनी के शेयर होते है , जो की कंपनी के सफलता के साथ – साथ बढ़ते है और कंपनी के सफलता के बिना घट सकते है | और बॉन्ड एक सरकार या कोई अन्य संस्था कम्पनियो द्वारा जारी की गई धनराशि के लिए लोन होते है |

  • बॉन्ड की तुलना मे शेयरो मे जोखिम अधिक होता है |
  • शेयर पर रिटर्न पाने के लिए उसको बढ़ने की आवस्यकता होती है , जबकि बॉन्ड ब्याज ऋड पर वापसी होती है बॉन्ड पर वापसी की गारंटी होती है किन्तु शेयरो के विपरीत , जिनके रिटर्न की कोई गारंटी नही होती है |
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बॉन्ड के महत्वपूर्ण तत्व होते है

  • मुद्राबॉन्ड अक्सर एक निश्चित मुद्रा मे जारी किया जाता है इसलिए निवेसकों को मुद्रा रिस्क से नही निपटना पड़ता है |

  • ब्याज दरबॉन्ड के ब्याज दर स्थिर होते है , जो निवेसको को सुरक्षित निवेस के लिए प्रेरित करते है |

  • मुद्रास्फरिति बॉन्ड मुद्रास्फरीति से सुरक्षित होते है , क्यूंकी उनका मुद्रा स्थिर होता है |

  • मुकाबला बॉन्ड मे मुकाबला कम होता है , क्यूंकी इसमे सिर्फ निवेसक और इश्यूअर शामिल होते है |

  • बचत बॉन्ड निवेसको के लिए एक सुरक्षित निवेस होते है , जो उन्हे एक निश्चित आय धारा प्रदान करते है |

  • क्रेडिट रेटिंगबॉन्ड के लिए क्रेडिट रेटिंग मौजूद होती है , जो निवेसकों को इनकी सुरक्षा के बारे मे संदेह करने से बचाती है |

  • समाप्तिबॉन्ड का मुद्दा समाप्ति के समय समाप्त होता है , जो निवेसको को उनकी पूंजी को पुनः प्राप्त करने का मौका देता है |

इसलिए बॉन्ड एक सुरक्षित निवेस होता है , जो नियमित ब्याज के साथ निवेसको को एक निश्चित आय प्रदान करता है हालांकि इसकी रिटर्न कम होती है जब उसे किसी और निवेस के अन्य विकल्पों के साथ तुलना किया जाता है , परंतु यह सभी निवेसक की तुलना मे सबसे सुरक्षित निवेसक मे से एक है |

तो मैं उम्मीद करता हु की मेरे द्वारा बताए गए सभी सवालों के जवाब आपको समझ मे आ गए होंगे | बॉन्ड के बारे मे आपको basic knowledge हो गया होगा |अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो या फिर उसमे कुछ कमी लगी हो तो आप अपना feedback कमेन्ट के माद्यम से जरूर दे | ! धन्यवाद !


अगर आपको क्रीपटों करन्सी के बारे मे जानना है तो आप मेरे इस आर्टिकल को पढ़ सकते है मैंने इसमे क्रीपटों करन्सी के बारे मे काफी बाते बताई है जिससे आपको काफी जानकारी मिल सकती है | Click Here

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what is cryptocurrency

What is cryptocurrency – क्रीपटों करन्सी क्या है


आज के इस आर्टिकल मे हम आपको बताएंगे की क्रीपटों करन्सी क्या है , यह कैसे काम करती है और इसे कैसे खरीदेगे आप यहा जानेंगे सबकुछ तो आइए चलते है अपने टॉपिक पर और जानते है क्रीपटों करन्सी के बारे मे |


Cryptocurrency क्या है
क्रीपटों करन्सी को आसान भासा मे कहा जाए तो यह digital form of cash है यानि की ये एक ऐसा करन्सी है जिसको आप न ही देख सकते है और न ही छु सकते है | यह करन्सी सिर्फ और सिर्फ डिजिटल वॉलेट मे ही इग्ज़िस्ट करती है यह पर क्रीपटों का मतलब है सीक्रेट और करन्सी का मतलब है | medium of exchange इसके जरिए आप किसी भी सर्विस को खरीद या बेच सकते हो इसका मतलब की आप क्रीपटों से जीतने भी transaction करोगे वह सभी सीक्रेट रहेंगी उनमे कोई भी 3rd पार्टी involve नही रहेंगी | जैसे मे आपको एक उदाहरण से समझाता हु जैसे अजय विशाल को 10000 रुपये भेजना चाहता है लेकिन उस 10000 रुपये को अजय directly विशाल को नही भेज सकता इस transaction मे आपको बैंक का मदद लेना ही पड़ेगा बैंक पहले उस transaction को verify करेगा उसके बाद ही successful करेगा | मतलब की इस transaction मे 3rd पार्टी मतलब कि बैंक involve है वही दूसरी तरफ अजय विशाल को 10000 के क्रीपटों करन्सी भेजना चाहे तो अजय विशाल को directly payment कर सकता है | मतलब यह है की इस transaction मे कोई भी 3rd पार्टी involve नही रहेगा जो की यहा 3rd पार्टी नही है तो यह पर आपको extra charge नही देना होगा तो यहा तक आपको बात समझ मे आ गई होगी तो आइए चलते है इसके आगे और जानते है क्रीपटों करन्सी के बारे मे |


Cryptocurrency कैसे काम करती है ?
क्रीपटों करन्सी एक विन्याश है जो इंटरनेट के माद्यम से वितिय लेनदेन को संभव बनाता है इसे विशेष रूप से डिजिटल धन के रूप मे जाना जाता है इसका मुख्य उद्देश्य online लेनदेनो को सुरक्षित बनाना होता है | जहा प्रत्येक लेनदेन की पुस्ति करने के लिए क्रिप्टोग्राफी टेक्नॉलजी का उपयोग किया जाता है क्रिप्टो करन्सी का पहला संस्करण 2009 मे bitcoin के रूप मे पेश किया गया था | बिटकोइन क्रीपटों करन्सी का सबसे लोकप्रिय उद्हारण है जिसे सारवर्जनीक blockchain तकनीक के माद्यम से बनाया जाता है इसमे लेनदेनो की पुष्टि के लिए एक डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाता है , जो एक सारवर्जनीक ब्लाकचेन मे संग्रहीत होता है |


Cryptocurrency के उदाहरण

  • Bitcoin – बिटकोइन क्रीपटों करन्सी का सबसे पहला करन्सी है जिसकी स्थापना सन 2009 मे हुई थी यह सबसे पहली और प्रसिद्ध क्रीपटों करन्सी मे से एक है |
  • Ethereum – इथेरीयम बिटकोइन के बाद सबसे पापुलर क्रीपटों करन्सी Ether ( ETH ) या Ethereum ही है जो ब्लॉकचेन पर आधारित है |
  • Litecoin – लाइटकॉइन भी पापुलर है यह भी क्रीपटों करन्सी मे से एक है लाइटकॉइन अपने इनोवेशन , फास्ट पेमेंट और transaction process के लिए जाना जाता है |
  • Ripple – रिप्पल एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर सिस्टम है जो 2012 मे स्थापित किया गया था रिप्पल का इस्तेमाल सिर्फ क्रीपटों करन्सी नही बल्कि अलग अलग तरह की transection को ट्रैक करने के लिए किया जाता है | रिप्पल की developer company अलग – अलग बैंक और फाइनेन्सियल डिस्ट्रीब्यूशन के साथ काम करती है |
    Non – Bitcoin crypto currency को आमततौर पर “ Altcoins “ के नाम से पुकारा जाता है |
what is cryptocurrency

Cryptocurrency कैसे खरीदे ?
वैसे तो भारत मे बहुत सारी वेबसाईट है जहा से आप क्रीपटों करन्सी खरीद सकते है लेकिन सबसे ज्यादा क्रीपटों करन्सी खरीदने के लिए आप coinswitch और wazirx के website से या app से खरीद सकते है ये दोनों apps आपको गूगल प्लेस्टोरे मे मौजूद है जहा से आप इन्हे अपने मोबाईल मे इंस्टॉल करके क्रीपटों करन्सी मे इन्वेस्ट कर सकते है |
Coinswitch और wazirx app मे अकाउंट बनाने के बाद आपको बँक से पैसे जमा करने की आवस्यकता होगी इसके बाद आप अपने एक्सचेंज मे जाकर अपनी पसंदीदा क्रीपटों करन्सी खरीद सकते है ध्यान रखे की क्रीपटों करन्सी का मूल्य बदलता रहता है इसलिए आपको इसकी स्थिरता पर निवेस करने से पहले अच्छी तरह से अध्यन करना चाहिए |

Cryptocurrency के लाभ –
क्रीपटों करन्सी के लाभ मे से एक यह है की इसमे कोई मधयस्थ नही होता है , जिससे वित्तीय संचार को सुरक्षित बनाने मे सहायता मिलती है इसके साथ ही , क्रीपटों करन्सी संभवत सबसे सुरक्षित वित्तीय संचार का माध्यम है , जिससे प्रत्येक लेनदेन की पुष्टि करने के लिए क्रीप्टोग्राफी टेक्नॉलजी का उपयोग किया जाता है |


Crypto currency के नुकसान –
क्रीपटों करन्सी के नुक्सानो मे से एक यह है की इसे उपयोग करने मे सामान्य व्यक्तियों के लिए थोड़ी मुस्किल हो सकती है इसके साथ ही , क्रीपटों करन्सी का मूल्य बदलता रहता है , जो इसकी स्थिरता पर असर डालता है | इसके साथ ही क्रीपटों करन्सी का उपयोग अवैध व्यापारियों के लिए भी किया जाता है जो इसकी संभावित प्रतिबंधित के कारण समस्या पैदा कर सकता है |

तो मैं उम्मीद करता हु की मेरे द्वारा बताए गए सभी सवालों के जवाब आपको समझ मे आ गए होंगे | क्रीपटों करन्सी के बारे मे आपको basic knowledge हो गया होगा | अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो या फिर उसमे कुछ कमी लगी हो तो आप अपना feedback कमेन्ट के माद्यम से जरूर दे | ! धन्यवाद !

अगर आपको डिजिटल रूपी के बारे मे जानना है तो आप मेरे इस आर्टिकल को पढ़ सकते है मैंने इसमे डिजिटल रूपी के बारे मे काफी बाते बताई है जिससे आपको काफी जानकारी मिल सकती है | Click here

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Mutual Fund

What is mutual fund – म्यूचूअल फंड क्या है ?

दोस्तों हर महीने जब आपकी सैलरी आती है या फिर आप पैसों को बचाकर आप उसको saving करके रखते है | और कुछ पैसों को आप बाद मे इस्तेमाल करने के लिए रखते है | हो सकता हो की उसको आप अपने emergency के लिए रखे हो | या फिर घर खरीदने के लिए या फिर गाड़ी खरीदने के लिए रखते हो | उसके लिए आप अपने पैसों को save करते है | तो saving करने के क्या क्या तरीके हो सकते है | तो सबसे पहले आपके बैंक मे पैसे आए और आप उन पैसों को बैंक मे ही पड़े रहने दिया | वही उसको collect होते रहने दिया यह बहुत बेकार तरीका है | पैसों को save करने का क्यूंकी पड़े हुए पैसों का value हमेसा घटता है | inflation के कारण inflation हमारे देश मे बड़ती जाती है | जिसकी वजह से सारी चीजों का दाम बड़ता रहता है | तो इसके कारण जो आपकी पैसों की value है वो धीरे धीरे वो हर साल कम होने लगती है | 4-5% से जो भी inflation rate है | उसपर से रखे हुए पैसे अपने value luz न करे इसके लिए लोग अपने पैसों को invest करते है | अलग-अलग जगहों पर हमारे देश मे mainly चार ऐसे जगह है | जहा पर हम अपने पैसों को invest कर सकते है |

  1. Saving account
  2. FD ( Fixed Deposits )
  3. Real State
  4. Gold & Silver

किसी भी investment मे यह तीन चीजे होती है |

  • Risk
  • Return
  • Time

(1) Risk – रिस्क का मतलब कितना रिसकी है इस investment को करना | क्या chances है की आप अपने पैसों को गवा देंगे वहा पर Invest करके |

(2) Return – रिटर्न का मतलब यह है की कितना profit कमा रहे हो आप अपने investment पर यह normally percentage पर देखा जाता है |

(3) Time – समय का मतलब कितने समय के लिए आप उसको invest करते है |

  1. Saving Account – सैविंग अकाउंट मे सबसे कम risk है उसमे कोई समय की दिक्कत नहीं है |आप जब चाहे अपने पैसो को डाल सकते है और जब चाहे अपने पैसों को निकाल सकते है | पर वहा पर आपको return बहुत ही कम मिलता है | 4% सालाना जबकि हमारे पिछले कुछ सालों मे inflation rate जो की 4 से 5% तक की है |

2. FD Fixed Deposit – फिक्स्ट डेपोसीट मे भी बहुत कम रिस्क है पर इसमे एक टाइम लिमिट होता है | की आप एक फिक्स्ट टाइम के पहले अपने पैसे को नहीं निकाल सकते है | इसलिए वहा पर रिटर्न ज्यादा देखने को मिलता है करीब-करीब 7 से 8% तक का सालाना रिटर्न मिल जाता है फिक्स्ट डेपोसीट मे |

3. Real State – घर खरीदने मे आपको low to medium रिस्क है आप पिछले कुछ सालों मे इंडिया का housing price देख सकते है | की बहुत ही ज्यादा ऊपर नीचे हो रहा है पहले यह 30% तक का रिटर्न दे रहा था | अब यह 5% तक का रिटर्न दे रहा है और रियल स्टेट मे आपको बहुत ज्यादे पैसों की आवस्यकता होती है | लाखों , कडोडो रुपये चाहिए होता है इनमे invest करने के लिए |

4. Gold & Silver – गोल्ड एण्ड सिल्वर के investment मे आज के टाइम मे इनके price बहुत ज्यादा ऊपर नीचे हो रहे है | आप अभी तक का 10 सालों का गोल्ड history देख लीजिए की 2012 तक वो consistently increase हुए जा रहे थे | गोल्ड के दाम 2012 से पहले गोल्ड अच्छा return दिया था | लेकिन 2012 से लेकर आज तक बहुत ज्यादा price ऊपर नीचे हुए है | इसलिए इनमे आपको ज्यादा रिटर्न देखने को नहीं मिलते है |

तो यह कुछ main अलग – अलग type की investment plan थी जो की मैंने आपको बताया | तो आइए अब चलते है mutual fund की तरफ म्यूचूअल फंड एक अलग type की investment है | तो आइए अब जानते है की म्यूचूअल फंड क्या है और यह कैसे काम करता है |

Mutual Fund

Mutual Fund एक निवेस वाहन है जो प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए कई निवेसकों से पैसा अकत्र करता है | फंड का प्रबंधक पेसेवर पोर्टफोलियो प्रबंधकों द्वारा किया जाता है | जो स्टॉक , बॉन्ड , मनी मार्केट जैसे अन्य प्रतिभूरतियों के विविध मिश्रण को खरीदने के लिए एकट्ठा पूंजी का उपयोग करते है | portfolio प्रबधकों का काम निवेसकों के लिए पेसेवर रूप से निवेस का प्रभनधन करके बाजार के औसत से अधिक पैसा रिटर्न उतपन करना है | म्यूचूअल फंड मे निवेसक अपने शेयर को रखते है | जो फंड की होल्डिंग के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है | फंड मे उपसथित किसी भी व्यक्ति का निवेस करा हुआ मूल्य बढ़ता या घटता रहता है | क्यूंकी फंड के पोर्टफोलियो मे रखी गई शेयर का मूल्य ऊपर नीचे जाता रहता है | म्यूचूअल फंड व्यक्तिगत निवेसकों को पेसेवर प्रबंधन विविधीकरण और सरलता सहित कई लाभ प्रदान करता है | वे निवेश के अवसरों तक पहुच कर भी प्रदान कर सकते है | जो अन्यथा व्यक्तिगत निवेसकों के लिए अपने दम पर आगे बड़ना मुस्किल या महंगा हो सकता है | हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है की म्यूचूअल फंड मे सुल्क भी जोड़े जाते है | और फंड का पिछला प्रदर्सन भविष्य के परिणामों का गारंटी नहीं देता है | निवेस करने से पहले फंड के निवेस उदेसयो , जोखिमों एवं सुलकों और उनके खर्चों पर सावधानी से अपना विचार करना बहुत महत्वपूर्ण है |

Mutual Fund एक ऐसा फंड होता है जिसमे कई सारे investor होते है वो चाहे कोई भी हो सकता है | मैं या आप कोई भी हो सकता है | और आपके पैसों को इन्वेस्ट करने का कार्य करते है फंड मैनेजर और यह पैसे लगाए जा सकते है | या तो शेयर बाजार मे या फिर बॉन्ड मे गोल्ड मे या फिर दूसरी कोई भी जगहों पर अपना पैसा लगा सकते है | इन फंड मैनेजर्स की शेयर बाजार देश की अर्थव्यवस्था एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार पर गहरी पकड़ होती है | और इन फंड मैनेजर्स का मकसद निवेस की गई रकम को कम से कम रिस्क मे अच्छे रिटर्न या मुनाफा देना होता है |

Mutual Fund दो तरह के होते है –

  1. ओपन एण्ड
  2. क्लोज़ एण्ड

(1) ओपन एण्ड – का मतलब आप अपने पैसों को कभी भी निवेस कर सकते है |अपने फंड मैनेजर से और कभी – भी अपने निवेस किए हुए पैसे को निकाल भी सकते है अपने फंड मैनेजर की सहायता से |

(2) क्लोज़ एण्ड – वह फंड होते है जिसमे निवेस करने के लिए एक सीमित समय सीमा होती है | और इसे निश्चित अवधि एक निश्चित समय के बाद ही निकाल सकते है | इन म्यूचूअल फंड को अलग – अलग category मे डाला जाता है |

  • स्मॉल कैप कम्पनीया
  • मिड कैप कंपनिया
  • लार्ज कैप कंपनिया
  • फार्मा कंपनिया
  • IT कंपनिया जैसी हो सकती है |

आप म्यूचूअल फंड मे दो तरह से अपने पैसों को इन्वेस्ट कर सकते है –

  1. S.I.P ( SYSTEMETIC INVESTMENT PLAN )
  2. LUMPSUM

(1) S.I.P – मे आप इसमे हर महीने अपने इच्छा अनुसार से एक फिक्स रकम को चूस करके आप निवेश करते है | इसे ही SIP कहते है |

(2) LUMPSUM – इनमे आप एक बार मे ही आपसे जितना हो सकता है आप अपने पैसों को एक बार मे ही इन्वेस्ट कर सकते है | इसी को lumpsum investment कहते है |

इन सब निवेस के बदले मे आपको मिलती है NAV मतलब की NET ASSET VALUE

यह सब होने के बाद इसके आगे का process मतलब investment करने के लिए क्या करना होगा | इसके लिए आपको एक Demat account को खोलना होगा जिनमे आप अपना म्यूचूअल फंड से इनवेस्टमेंट सुरू कर सकते है | ऐसे काफी सारे Demat account है | जिसमे आप अपना अकाउंट बना सकते है मैं कुछ demat account के नाम बता दे रहा हु | और आपको उसका लिंक भी दे रहा हु जहा से आप अपना एक डिमेट अकाउंट खोल सकते है

Click on this link to open Demate Account on Upstox :- https://link.upstox.com/pcib Click on this link to open Demate Account on Groww :- https://app.groww.in/v3cO/edbw5wcg

इन सभी मे फंड मैनेजर्स होते है जो आपके पैसों को इन्वेस्ट करते है और आपको long term मे अच्छे रिटर्न देते है |

तो मैं उम्मीद करता हु की मेरे द्वारा बताए गए सभी सवालों के जवाब आपको समझ मे आ गए होंगे | म्यूचूअल फंड के बारे मे आपको basic knowledge हो गया होगा | ! धन्यवाद !

अगर आप स्टॉक मार्केट क्या है इसके बारे मे जानना चाहते है तो visit करे इस लिंक पर Click Here


https://hi.wikipedia.org/wiki/ What is mutual fund

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Stock Market

What Is Stock Market – स्टॉक मार्केट क्या है

क्या आप भी अपने पैसों को बढ़ते हुए देखना चाहते है और आपका पैसा आपके लिए काम करे पर इसके लिए आपको थोड़ा सा Risk उठाना पड़ेगा | अगर आप Risk लेना चाहते है, तो आप स्टॉक मार्केट मे इन्वेस्ट करने के लिए सोच सकते है | क्यूंकी स्टॉक मार्केट से ज्यादा Earning की जा सकती है इसके जरिए आप अपने पसंद के कोई भी कंपनी मे पैसा लगा सकते है | और इनमे इन्वेस्ट करना बहुत आसान होता है बस आपको सुरू मे थोड़ी सी जानकारी की जरूरत होगी जो की आप इसको social media की सहायता से इसकी पूरी जानकारी ले सकते है | स्टॉक मार्केट से आप legal पैसा बना सकते है यह 100|% legal है | और tax free है आप भी इस स्टॉक मार्केट की journey को enjoy करते हुए अपनी wealth को बड़ा सकते है | तो क्या आप जानना चाहते है stock market के बारे मे अगर हा तो चलिए सुरू करते है की stock market क्या है और यह कैसे काम करता है |

stock market एक ऐसा मार्केट है जहा पर कॉम्पनियो के शेयर खरीदे व बेचे जा सकते है | अन्य कोई भी दूसरे बाजार की तरह इसमे भी खरीदने और बेचने वाले एक दूसरे से मिलते है | और अपने अनुसार मोल भाव करके सौदे पक्के किया करते थे | पहले शेयर को खरीदने के लिए मुख की बोलिओ से होती थी | और खरीदने बेचने वाले मुहजबानी ही सौदे किया करते थे | पर अब यह शेयर मार्केट का सारा लेन देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्युटरो के जरिए होता है | अब यह इंटरनेट के जरिए यह सुविधा हमको आसानी से मिल जाती है | अब तो यह भी हो गया है की शेयर को खरीदने और बेचने वाले लोग एक दुशरे को जानते भी नहीं | अगर एक प्रकार से देखे हमलोग तो यहा पर शेयर की नीलामी होती है | अगर किसी को अपना कोई शेयर बेचना होता है, तो सबसे उची बोली लगाने वाले को यह शेयर बेच दिया जाता है | या अगर कोई शेयर को खरीदना चाहता है, तो बेचने वालों मे से जो सबसे कम कीमत पे तैयार होता है | उससे शेयर खरीद लिया जाता है |

सबसे पहले मैं आपको यह बता दु की शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट सेम नहीं है यह अलग अलग है | तो चलिए इसके बारे मे जान लेते है की इन दोनों मे अंतर क्या है | ” तो जैसे मैं आपको कहता हु की मेरे पास 10 स्टॉक्स है, तो इसका मतलब यह है की मेरे पास 10 अलग अलग कम्पनियों के स्टॉक है ” |” और अगर मैं यह कहू की मेरे पास 10 शेयर है तो इसका यह मतलब है की मेरे पास 1 कंपनी के 10 शेयर है ” | तो यह होता है स्टॉक और शेयर के बीच का अंतर तो मैं आशा करता हु की आपको स्टॉक और शेयर के बीच का अंतर समझ मे आ गया होगा |

stock market वह जगह है जहा पर public listed कम्पनीया है जहा पर शेयर की ट्रैडिंग होती है | स्टॉक exchange एक ऐसा जगह है जहा पर शेयर मे इन्वेस्ट किया जाता है | यही पर शेयर को खरीदे एवं बेचे जाते है | पर स्टॉक stock exchange पर उन्ही कम्पनियों को खरीद और बेचा जाता है जो वहा पर listed होती है | ” इंडिया के 2 सबसे बड़े stock exchanger है ”

  1. NSE ( National Stock Exchanger )
  2. BSE ( Bombay Stock Exchanger )
  • NSE मे भारत की Top 50 Company Listed होती है जिसे हम Nifty 50 कहते है |
  • BSE मे Bombay की Top 30 company listed होती है जिसे हम Sensex कहते है |

इन दोनों मे टाइम के साथ साथ कंपनी के performance के अनुसार कमपनीया बदलती रहती है | जो कम्पनियो का performance अच्छा नहीं रहता उसको NSE और BSE के बाहर निकाल दिया जाता है | और जो कॉम्पनियो का performance अच्छा रहता है | उनको add कर लिया जाता है |

Stock Market

Investor कौन होता है |

investor वह होता है जो कंपनी मे हिस्सेदारी लेने के लिए उस कंपनी का स्टॉक लेता है वही इन्वेस्टर होता है |

Trading और Investing मे क्या अंतर है |

Trading मे स्टॉक को बहुत कम समय के लिए hold किया जाता है | यानि 1 दिन या 2 दिन या हफ्ते भर के लिए hold करते है traders इसे जल्दी profit बनाने के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है | जिससे वह जल्दी profit बना ले उस कंपनी से |

Investing मे अपने पैसों को हम लोग लंबे समय तक hold करते है | यानि 5 साल 10 साल 20 साल ऐसे ही लंबे समय तक Invest करते है | जिससे हमे लंबे समय बाद उस invest किए पैसे का कई गुना साथ मे मिल जाता है | पर यह उस कंपनी पर depend करता है की वह long term मे कैसा performance दी है |

Stock Broker कौन होता है |

Stock Broker वह होता है जो आपको trading platform offer करता है | और सलाह एवं जानकारी देता है स्टॉक मार्केट के बारे मे online काफी सारे platform available है जहा से आप अपना एक demat account खोल सकते है | मैं कुछ स्टॉक broker demat account के बारे मे बता देता हु आपको जैसे groww , upstox , zerodha , angel one ऐसे काफी सारे stock broker है | जहा से आप अपना demat account खोल सकते है और अपने trading और investing का लाभ उठा सकते है मैं कुछ स्टॉक ब्रोकर डिमेट अकाउंट के लिंक आपको दे रहा हु जहा से आप अपना एक डिमेट अकाउंट खोल सकते है |

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India मे stock market को sebi Regulate करता है sebi का मतलब security and exchange board of india और इसके rules को follow नहीं करने वालों को वह उनको सजा भी दिला सकता है |

Stock Market को सुरू करने के लिए आपको अधिक पैसों की अवस्यकता नहीं होती है |आप कम पैसों से भी अपना निवेस कर सकते है अगर किसी कंपनी का 1 शेयर 10 रुपये का है | तो आप एक शेयर भी खरीद व बेच सकते है |

Stock Market कब बढ़ता है और कब घटता है |

Stock Market मे जब स्टॉक की demand supply से ज्यादा बड़ती है तब स्टॉक की कीमत बड़ती है | और जब स्टॉक की demand supply से कम होती है तब स्टॉक की कीमत घटती है | स्टॉक मार्केट मे इन्वेस्ट करने से पहले आपको यह ध्यान देना होगा की आप जिस कमपनी के स्टॉक को खरीद रहे है | उस कंपनी के बारे मे research कर लेना चाहिए की वह क्या काम करती है कैसे काम करती है | उस कंपनी की ज्यादा से ज्यादा knowledge ले लेनी चाहिए जिससे आपको अंदाजा हो जाए की यह मुझे return दे सकती है तभी आप उस company मे इन्वेस्ट करे |

तो मैं उम्मीद करता हु की मेरे द्वारा बताए गए सभी सवालों के जवाब आपको समझ मे आ गए होंगे | स्टॉक मार्केट के बारे मे आपको basic knowledge हो गया होगा | ! धन्यवाद !

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